Tata Motors ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4) के नतीजे जारी कर दिए हैं और ये नतीजे कई मोर्चों पर बाजार की उम्मीदों से बेहतर रहे हैं। भले ही कंपनी का कंसोलिडेटेड EBITDA सालाना आधार पर 2% घट गया हो, लेकिन यह Jefferies के अनुमान से 4% ज्यादा रहा है। इस प्रदर्शन ने निवेशकों के बीच उम्मीदें जगा दी हैं और ब्रोकरेज फर्मों ने भी शेयर पर अपनी रेटिंग्स और टारगेट में बदलाव किया है।
मजबूत घरेलू प्रदर्शन ने बढ़ाया भरोसा
टाटा मोटर्स का घरेलू कमर्शियल व्हीकल (CV) व्यवसाय EBITDA मार्जिन को दो अंकों (Double Digit) में बनाए रखने में सफल रहा है। वहीं पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में भी कंपनी ने मार्जिन को बेहतर बनाए रखा है। इसका मुख्य कारण बेहतर प्रोडक्ट मिक्स, PLI स्कीम का लाभ और लागत नियंत्रण रहा है।
Tata Motors Q4 Results
Tata Motors की प्रमुख विदेशी इकाई Jaguar Land Rover (JLR) ने चौथी तिमाही में 10.7% का EBIT मार्जिन दर्ज किया है, जो पिछली तिमाही की तुलना में 160 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है। हालांकि, FY26 को लेकर कंपनी ने कुछ सतर्क संकेत भी दिए हैं, जिनमें अमेरिका में संभावित टैरिफ, चीन में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और ग्राहक अधिग्रहण लागत शामिल हैं।
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Tata Motors Share Price Target
नतीजों के बाद कई प्रमुख ब्रोकरेज फर्मों ने टाटा मोटर्स पर अपनी राय जाहिर की है:
- Jefferies ने ‘Underperform’ रेटिंग बरकरार रखी है लेकिन EPS अनुमानों में 3-4% वृद्धि करते हुए टारगेट प्राइस ₹725 से ₹730 कर दिया है।
- CLSA ने स्टॉक को ‘Accumulate’ की सलाह दी है और टारगेट ₹765 से बढ़ाकर ₹805 कर दिया है। CLSA को JLR की नेट कैश पॉजिटिव स्थिति और भारत में पीवी बिजनेस पर भरोसा है।
- Goldman Sachs ने स्टॉक पर ‘Neutral’ रेटिंग रखते हुए टारगेट ₹710 से ₹790 कर दिया है।
- Macquarie ने ‘Outperform’ रेटिंग दी है और ₹826 का टारगेट प्राइस सेट किया है, जो अब तक का सबसे ऊंचा अनुमान है।
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Tata Motors की वित्तीय मजबूती और भविष्य की रणनीति
Tata Motors ने पिछले दो सालों में ₹49,000 करोड़ से अधिक का ऑटोमोटिव फ्री कैश फ्लो (FCF) जनरेट किया है। अब कंपनी नेट कैश पॉजिटिव हो चुकी है, यानी उसके पास कर्ज नहीं है। साथ ही FY26 के लिए कई नए मॉडल लॉन्च की योजना है, जिससे बिक्री और प्रॉफिट ग्रोथ को और बल मिलने की उम्मीद है।
Tata Motors: चुनौतियां और जोखिम
भले ही कंपनी का प्रदर्शन मजबूत रहा है, लेकिन JLR से जुड़ी वैश्विक अनिश्चितताएं जैसे अमेरिका-चीन व्यापार तनाव, टैरिफ का खतरा और विदेशी बाजारों में मांग का दबाव, शेयर की वोलैटिलिटी को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में निवेशकों को अल्पकालिक निवेश से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।
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निवेशकों की रणनीति क्या होनी चाहिए?
लंबी अवधि के निवेशकों के लिए टाटा मोटर्स अभी भी एक आकर्षक विकल्प है। कंपनी का मजबूत घरेलू आधार, बैलेंस शीट की स्थिरता और डीलेवरेजिंग ट्रैक रिकॉर्ड इसे भरोसेमंद बनाते हैं। वहीं, शॉर्ट टर्म में निवेश करने वाले निवेशकों को वैश्विक घटनाक्रमों और तिमाही अपडेट्स पर नजर रखनी चाहिए।
संभावित टारगेट और निष्कर्ष
ब्रोकरेज फर्मों के अनुसार अगले 12 महीनों में टाटा मोटर्स का टारगेट ₹730 से ₹826 तक दिया गया है। यदि हम इन अनुमानों का औसत निकालें तो यह ₹730-750 के आसपास आता है। यदि JLR का प्रदर्शन स्थिर रहता है और घरेलू डिमांड मजबूत बनी रहती है, तो यह लक्ष्य हासिल करना संभव है।
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इस तरह, टाटा मोटर्स में निवेश करने से पहले निवेशकों को अपनी रणनीति स्पष्ट करनी चाहिए – क्या वे लॉन्ग टर्म स्टेबल ग्रोथ चाहते हैं या शॉर्ट टर्म ट्रेंड्स पर आधारित रिटर्न।